25 जुलाई 2022 को देश के इतिहास के दुसरे महिला राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्म ने शपथ लिये और इसके साथ वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन गई, देश के 15वें और पहले आदिवासी महिला राष्ट्रपति की द्रौपदी मुरमू ने शपथ लिए, देश के चीफ जस्टिस एनवी रामन्ना ने उनको संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति की शपथ दिलाई, इस दौरान उनको 21 तोपों की सलामी भी दी गई।
दोस्तों आज हम बात करेंगे देश के पहले आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में उन्होंने कैसे एक गरीब घर से शुरुआत की और आज वह देश के सबसे बड़े भवन राष्ट्रपति भवन वो रहेगी। भारत में पिछले डेढ़ दशक से महिलाओं को विशिष्ट माना जाता है आज एक सामान्य महिला भी पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने लगी है 2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी और उसके बाद द्रौपदी मुर्मू देश के दूसरे महिला राष्ट्रपति बने।
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय
क्या किसी ने सोचा था कि ओडिशा के मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव में रहने वाली एक साधारण महिला आज देश की राष्ट्रपति बनेगी, क्या कभी किसी ने सोचा था कि एक छोटे से गांव में छोटे से घर में रहने वाली महिला देश की बेहतरीन इमारतों में से एक राष्ट्रपति भवन में रहेगी।
द्रौपदी मुर्मू आदिवासी संथाल जनजाति से ताल्लुक रखती है भील और गोंड के बाद सबसे ज्यादा संथाल जनजाति की आबादी आदिवासी में सबसे ज्यादा है
द्रौपदी मुर्मू की बायोग्राफी
द्रौपदी मुर्मू के पारिवारिक जीवन की बात करें तो उनका जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के मयूरभंज जिले बैदापोसी गांव में हुआ था उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टूडू है और उनके दादा और पिता दोनों ही उनके गांव के प्रधान रहे हैं उन्होंने अपनी पढ़ाई मयूरभुंज जिले के कुसुमि तहसील के छोटे से गांव उपरबेड़ा के एक बेहद साधारण स्कूल में शिक्षा ली।
द्रौपदी मुर्मू का करियर
उन्होंने अपनी पढ़ाई ऊपरबेडा के एक बेहद साधारण स्कूल में शिक्षा ली और उसके बाद उन्होंने भुवनेश्वर की रामदेवी वूमेन महाविद्यालय में डिग्री हासिल की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें ओडिशा में स्थित बिजली डिपार्टमेंट में उनको असिस्टेंट के पद पर नौकरी मिली उन्होंने बिजली डिपार्टमेंट में 1979 से लेकर 1983 तक बिजली डिपार्टमेंट में जूनियर असिस्टेंट का काम करती रही और उसके बाद रायरंगपुर में स्थित अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर मैं उनको शिक्षक की नौकरी मिली ।
द्रौपदी मुर्मू का पारिवारिक जीवन
द्रौपदी मुर्मू के पारिवारिक जीवन की बात करें तो उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से शादी की थी जो एक पूर्व बैंक अधिकारी थे लेकिन वो द्रौपदी मुर्मू को छोड़कर चले गए, श्याम चरण मुर्मू का अवसान 2014 में हुआ था। द्रोपदी मुर्मू के चार बच्चे थे दो बेटे और दो बेटी थी, उनमेसे दो बेटे और एक बेटी की मोत हो गई। उनके बच्चे और पति के मोत के बाद द्रौपदी मुर्मू टूट गई थी, फिर उन्होने अपने आप को संभाला और अपने जीवन की एक नई शुरुआत कीई।
द्रौपदी मुर्मू का राजकिय जीवन
द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजकीय जीवन की शुरुआत 1997 में की थी उन्होंने पहली बार इलेक्शन में खड़ी रही और रायरंगपुर नगर पंचायत से उन्होंने चुनाव में अपनी पहली जीत हासिल की और उन्होंने अपने राजकीय जीवन की शुरुआत की फिर वह बाद में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी भारतीय जनता पार्टी ने उनको अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष उपाध्यक्ष के रूप में अपना कार्यभार संभाला और भाजपा के आदिवासी मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रही।
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2000 के विधानसभा चुनाव में द्रौपदी मुरमू ने रायरंगपुर क्षेत्र में भाजपा के मंत्री के रूप में उन को चुना गया फिर उसके बाद 2004 में वह वाणिज्य पशुपालन मत्स्य पालन और परिवहन विभाग को संभाला।
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फिर 2004 में उनको रायरंगपुर क्षेत्र में एक बार फिर से भाजपा की ओर से चुना गया।
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द्रौपदी मुर्मू जी मयूरभंज में भाजपा के जिला अध्यक्ष और 2006 से लेकर 2009 तक भाजपा की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
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झारखंड में पहली बार मई 2015 में महिला राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुरमू को चुना गया उन्होंने 2021 तक राज्यपाल के रूप में अपना कार्यभार संभाला।
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और फिर वर्तमान वर्ष 2022 में उनको भारतीय जनता पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवारी के रूप में घोषित किया गया और वह भारत के इतिहास की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी और भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन गई।
द्रौपदी मुर्मू को मिले पुरस्कार
अब बात करते हैं ऐसी प्रतिभाशाली महिला आदिवासी राष्ट्रपति को मिले पुरस्कार की तो उनको उड़ीसा के विधानसभा द्वारा वर्ष 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार दिया गया था।
द्रौपदी मुरमू की संपत्ति
आज के राजनेताओं की संपत्ति की बात करें तो उनकी संपत्ति तो लाखों करोड़ों में होती है लेकिन बात करे द्रौपदी मुरमू की संपत्ति के बारे में तो एक राजनेता होने के बावजूद भी उनके पास ज्यादा संपत्ति नही है मात्र उनके पास रू. 9.5 लाख है इसके अलावा ना उनके पास कोई आभूषण है ना कोई जमीन है ना कोई दूसरी संपत्ति है।
द्रौपदी मुर्मू की सैलरी
बात करते हैं देश राष्ट्रपति की सैलरी के बारे में तो 2017 तक राष्ट्रपति की सैलरी 1.7 लाख रुपया होती थी फिर 2017 से उसको बढ़ा कर 5 लाख कर दिया गया, द्रौपदी मुर्मू की सैलरी महीने 5 लाख रुपया हो गी।
द्रौपदी मुर्मू की शारीरिक संरचना
दोस्तों आज हमने आपको बताया की देश की इतिहास की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू के बारे में कैसे उन्होंने एक गरीब घर से शुरुआत की और आज वह देश की राष्ट्रपति है द्रौपदी मुरमू राष्ट्रपति बनने के बाद सच में ऐसा लगता है कि हमारा देश एक लोकशाही देश है एक गरीब व्यक्ति भी देश के सर्वोच्च पद से देश की सेवा कर सकता है।